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Wednesday, January 5, 2011

मीठी मीठी बातों का वो दौर गया

मीठी मीठी बातों का वो दौर गया,
जवानी के आते ही, बचपन छोड़ गया


ताज्जुब है इतने कच्चे थे एहसासों के रिश्ते,
गमों का हल्का सा झोंका ही, उन्हे तोड़ गया,


कहता है जमाना, मेरी दीवानगी को देख-कर,
फरेब-ए-इश्क़ मे लोगों, लो ये एक और गया,


बिल्डिंगो के फ्लॅट मे, कंप्यूटर ने छीन लिया,
मोहल्ले के हुड़दंगी बच्चों का वो शोर गया,


तल्खियाँ और तंज़ अब रोज़ की बातें हैं,
मीठी मीठी बातों का वो दौर गया

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