यूँ मुस्करा के देखो, “काँटे” गुलाब कर दो
लबों से प्याले छू के, पानी शराब कर दो,
पन्ने कई है खाली, हैं सफे कई अधूरे,
चले आओ ज़िंदगी मे, पूरी किताब कर दो,
लबों से प्याले छू के, पानी शराब कर दो,
पन्ने कई है खाली, हैं सफे कई अधूरे,
चले आओ ज़िंदगी मे, पूरी किताब कर दो,
वाह, जवाब नहीं,
ReplyDeleteक्या बात है।
बहुत खूब!!
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