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Tuesday, December 28, 2010

मुझे कहना नही आया

मुँह खोल के माँगूँ, मुझे कहना नही आया,
बिन माँगे मेरे यार को देना नही आया,


बशर्ते मुझे ख्वाइश रही उँची उड़ान की,
परिंदों के साथ मुझको मगर रहना नही आया,


बर्दाश्त कर भी लेता, मगर आदत खराब है,
जुल्मो-सितम चुप रह के मुझे, सहना नही आया,


लहरों से दुश्मनी की, कश्ती से हाथ धोया,
लहरों के साथ-साथ मुझे बहना नही आया,

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